ईश्वर जीव और प्रकृति को जानें
यज्ञ प्रशिक्षण देते आचार्य ज्ञानेश्वर जी |
भूमिकाः- अपने अविद्या आदि दोषों को दूर करने हेतु विद्या की प्राप्ति करना जरूरी होता है, तब ही लौकिक और आध्यात्मिक सफलता मिलती है। अतः आचार्यवर कहते हैं

ईश्वर को जानने के लिए व्यक्ति को शास्त्र पढ़ने पड़ते हैं। वेद दर्शन उपनिषद् आदि-आदि शास्त्र हैं। उनको पढ़कर के अपने जीवन को पवित्र बनाना पड़ता है। अपने जीवन को उन आदर्शों के आधार पर चलाना पड़ता है। जो आदर्श जो मर्यादायें जो सिद्धान्त जो विधि-विधान ऋषियों ने वेदों के आधार पर हमारे लिए निर्धारित किये हैं उनके अनुरूप आचरण करना पड़ता है। इनसे विपरीत चलकर के कोई भी व्यक्ति इस बंधन से छूट नहीं सकता दुःखों से छूट नहीं सकता।
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