सोमवार, 27 जून 2011

सुखों कि खान

        सब लोगों को चाहिए की अच्छे-अच्छे कामों से प्रजा की रक्षा तथा उत्तम-उत्तम गुणों से पुत्रादि की शिक्षा सदैव करें कि जिससे प्रबल रोग विघ्न और चोरों का अभाव होकर प्रजा और पुत्रादि सब सुखों को प्राप्त हों यही श्रेष्ठ काम सब सुखों कि खान है /
         हे मनुष्य लोगो ! आओ अपने मिल के जिसने इस संसार में आश्चर्यरूप पदार्थ रचे हैं उस जगदीश्वर के लिए सदैव धन्यवाद देवें. वही परम कृपालु ईश्वर अपनी कृपा से उक्त कामों को करते हुए मनुष्यों कि सदैव रक्षा करता है.
महर्षि दयानंद सरस्वती 

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